जेई और ठेकेदार ने मिलीभगत कर पीडब्ल्यूडी की परियोजना को लगाया चूना बिना अप्रोच मार्ग के बना दिया पुलिया, उतार लिए चार करोड़
सिकंदरपुर। लोक निर्माण विभाग का अजीब कारनामा सामने आया है। विभाग ने सिकंदरपुर विस क्षेत्र में चार ऐसे पुल बना दिया जिसका अप्रोच मार्ग ही नहीं है। अप्रोच मार्ग के अभाव जहां ये पुलिया ग्रामीणों के लिए बेकार साबित हो रही है वहीं लागबाग इसे सरकारी पैसे की बर्बादी बता रहे हैं। आमजन की सुविधा के लिए करीब चार करोड़ की लागत से विधानसभा सिकंदरपुर के आराजी करियापार, बालूपुर, सोनपुरवा और मासूमपुर मौजा में साल 2019- 20 और 2020- 21 में चार चार पुलिया का निर्माण कराया गया। लेकिन विभागीय लापरवाही से सभी पुलों का अप्रोच मार्ग नहीं बन पाया। जिसके चलते ये पुलिया महज शोभा की वस्तु बन का रह गई हैं। एप्रोच मार्ग के अभाव में ग्रामीण तीन से चार किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर पड़ोसी गांव पहुंचते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि एक तो मानक के विपरीत इनका निर्माण कराया गया दूजे अप्रोच मार्ग का निर्माण कराए बिना ही विभागीय मिलीभगत से संबंधित ठेकेदार ने पूरी धनराशि भी आहरित कर ली। करीब तीन साल से अधर में लटके इन अप्रोच मार्ग के निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। इन पुलियों का कराया गया है निर्माण आराजी करियापार को सीका सिकंदरपुर – बालुपुर मार्ग से जोड़ने के लिए एक करोड़ की लागत से पुलिया का निर्माण कराया गया। पुलिया के दूसरे छोर पर सिसोटार मौजा में किसानों की भूमिधरी होने के कारण अप्रोच मार्ग नहीं बन पाया। इससे करीब 500 मीटर की दूरी पर बालूपुर (छपरा) को सोनपुरवा को जोड़ने के लिए एक करोड़ लागत की दूसरी पुलिया भी बनाई गई लेकिन वह भी अप्रोच मार्ग के अभाव में बेकार बनी हुई है। वहीं मासूमपुर को भूड़ाडीह से जोड़ने वाली तीसरी पुलिया तो सरकारी धन के बंदरबांट की चीख चीख कर गवाही दे रही है।
क्या कहते हैं ग्रामीण
स्थानीय निवासी प्रभुनाथ यादव ने बताया की करीब दो किमी के दायरे में बनाई गई चारों पुलिया औचित्यहीन हैं। इन्हें निजी स्वार्थ में बनाया गया है। इन पुलियों के जाने जमकर सरकारी धन का बंदरबांट किया गया है। वहीं राधेश्याम का कहना था की ठेकेदार और अवर अभियंता की मिलीभगत से पैसे को तहस नहस किया गया है। बिना अप्रोच मार्ग के पूरा पैसा पास कैसे हो गया इसकी जांच होनी चाहिए। हरिशंकर ने बताया की ये सभी पुलिया किसी काम की नहीं हैं। जब पुलिया के दोनों ओर सड़क ही नहीं है तो इसका क्या फायदा? ग्रामीणों का आरोप है कि इन पुलियों के निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है।
वर्जन
ठेकेदार की लापरवाही सामने आने पर विभागीय जांच कराई गई है, इसमे एप्रोच मार्ग न होने की बात सामने आई है। ठेकेदारों के कहना है कि बरसात बाद एप्रोच मार्ग का निर्माण पूरा कराया जाएगा
मोहम्मद इमरान
जेई पीडब्लूडी