बलिया।शासन की मंशा के विपरीत शिक्षा क्षेत्र नवानगर और पंदह में दो दर्जन से अधिक बिना मान्यता के स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध स्कूलों पर रोक की कार्रवाई दिखावा बन कर रह गई है। हालत यह है की साल दर साल ऐसे स्कूलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्रत्येक शिक्षा सत्र में गली मोहल्लों में नए स्कूल खुल जा रहे हैं। हैरत की बात यह है कि सब कुछ जानते हुए भी संबंधित अधिकारी खामोश हैं। जो विद्यार्थियों के भविष्य पर भारी पड़ सकती है। कहीं एक ही मान्यता पर दो विद्यालय चलाए जा रहे हैं तो कहीं करकट से बने कमरे या मकान में विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। बहुत से ऐसे विद्यालय हैं जिनमें छात्र-छात्राओं को बैठने
की भी व्यवस्था नहीं है इसमें प्राथमिक और जूनियर स्तर के विद्यालयों की संख्या सबसे अधिक है। यही नहीं जूनियर की मान्यता पर इंटरमीडिएट विद्यालयों का संचालन भी धड़ल्ले से किया जा रहा है। सरेआम मानक और मान्यता की परवाह किए बिना चल रहे ऐसे विद्यालयों पर संबंधित बीईओ की नजर नहीं पड़ रही है। हालांकि हर साल शिक्षा विभाग बगैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ अभियान चलाकर बंद कराने की बात करता है लेकिन धरातल पर इन स्कूलों की संख्या कम होने की बजाए बढ़ती जा रही है। जो विभागीय कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा है।
पुर निवासी समाजसेवी मांधाता सिंह ने जिलास्तरीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए ऐसे अमान्य विद्यालयों की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है। वहीं हाई कोर्ट में एडवोकेट ओपी यादव का कहना है की विभागीय अधिकारियों की सांठ गांठ से इलाके में मानक विहीन विद्यालयों की बाढ़ सी आ गई है। जिसके कारण छात्र-छात्राओं का भविष्य चौपट भी हो रहा है उच्चाधिकारियों को टीम गठित कर ऐसे विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
वर्जन
इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी नवानगर अनूप कुमार त्रिपाठी ने कहा कि बिना मान्यता प्राप्त विद्यालयों को चिन्हित कर नोटिस दिया जा रहा है वही एक मान्यता पर दो जगह विद्यालय चला रहे लोगों को भी चिन्हित किया जा रहा है जल्द ही ऐसे विद्यालयों को बंद कराया जाएगा।