बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नई दिल्ली, 01 अक्टूबर। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बुलडोजर एक्शन पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि सड़क के बीच धार्मिक निर्माण गलत है। चाहे वह मंदिर हो या दरगाह उसे हटाना ही सही होगा। सार्वजनिक सुरक्षा सबसे पहले है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि कोई भी शख्स आरोपी या दोषी है तो यह डेमोलेश का आधार नहीं हो सकता है। देशभर के लिए गाइडलाइन जारी की जाएंगी। कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। फैसला सुनाए जाने तक बुलडोजर एक्शन पर रोक जारी ही रहेगी।
जस्टिस बीआर गवई ने इस बात पर भी गौर करना होगा कि तोड़फोड़ का आदेश पारित होने से पहले भी एक सीमित समय होना चाहिए। साल में करीब चार-पांच लाख डिमोलिशन की कार्रवाई होती है। पिछले कुछ सालों का यही आंकड़ा है। बता दें कि जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच अपराध के आरोपी लोगों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
तीन राज्यों की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहताः सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश की तरफ से कोर्ट में पेश हुए थे। जब उनसे यह सवाल किया गया कि क्या आपराधिक मामले में आरोपी होना बुलडोजर एक्शन का सामना करने का आधार
हो सकता है। इस पर मेहता ने जवाब दिया कि बिल्कुल भी नहीं। रेप या आतंकवाद जैसे अपराधों के लिए भी नहीं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने आरोप लगाया है कि अल्पसंख्यक समुदाय को टारगेट किया जा रहा है और सरकार को आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने से रोका जाना चाहिए। बच्चों और महिलाओं को सड़कों पर देखना अच्छा नहीं लगताः सुनवाई के दौरान जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा कि निर्माण भले ही वैध ना हो, लेकिन बुलडोजर की कार्रवाई के बाद महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को सड़कों पर देखना सही नहीं लगता है। अगर उनको टाइम मिले तो वह एक वैकल्पिक व्यवस्था कर सकते हैं। इतना ही नहीं कोर्ट ने सुनाई के दौरान कहा कि फिलहाल देश भर में तोड़फोड़ की कार्रवाई पर अंतरिम रोक जारी ही रहेगी।
अवमानना करने वालों पर होगा एक्शनः जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि कोर्ट के आदेश की अवमानना करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पीड़ितों की संपत्ति वापस की जाएगी। इसका मुआवजा भी दोषी अधिकारियों से वसूला जाएगा। बता दें दो ही दिनों में दो अवमानना की याचिकाएं दायर की गई हैं। सोमवार को असम के सोनापुर में बुलडोजर एक्शन के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। वहीं मंगलवार को पाटनी मुस्लिम ट्रस्ट ने अवमानना की याचिका दायर की है।